UP को तीन राज्यों में बांटने जा रही है योगी सरकार, उत्तर-प्रदेश, बुंदेलखंड और पूर्वांचल होंगे नाम !

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रही है कि योगी सरकार यूपी को तीन राज्यों में बांटने वाली है. दावा किया जा रहा है कि योगी सरकार यूपी को तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, बुंदेलखण्ड और पूर्वांचल में बांटने वाली है. इसमें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, बुुंदेलखंंड की राजधानी प्रयागराज और पूर्वांचल की राजधानी गोरखपुर बताई जा रही है.


वायरल खबर में दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में 20 जिले, बुंदेलखंड में 17 और पूर्वांचल में सर्वाधिक 23 जिले होंगे. इसके अलावा यह भी दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के बाकी बचे जिलों को काटकर उत्तराखण्ड, दिल्ली और हरियाणा में जोड़ दिया जाएगा. कहा जा रहा है कि यूपी सरकार जल्द ही इसकी घोषणा करने वाली है.





दावा किया जा रहा है कि सहारनपुर मंडल तीनों जिले हरियाणा में शामिल किए जाएंगे. इसके अलावा मुरादाबाद मण्डल के सारे जिले उत्तराखंड राज्य में तथा सोनीपत, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, रेवाड़ी, पलवल, फरीदाबाद आदि जिलों को हरियाणा से काटकर दिल्ली में जोड़ दिया जाएगा और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा.


इसके अलावा मेरठ मण्डल के जिले बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर तथा मेरठ को भी दिल्ली में शामिल किया जाएगा. हालांकि यह खबर पूरी तरह फर्जी है. वायरल हो रहे लिस्ट पर भरोसा न करें. योगी सरकार का ऐसा करने का कोई इरादा नहीं है.


बीबीसी हिंदी की खबर के अनुसार, यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार से इस बात को पूरी तरह से नकार दिया. उन्होंने कहा कि यूपी के बंटवारे की कोई योजना नहीं है. सरकार के सामने ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जो भी खबरें घूम रही हैं, वो फर्जी हैं और लोग ऐसी अफवाहों पर ध्यान ना दें. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस बात को सिरे से नकारते हुए कहा कि केंद्र सरकार के सामने इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं आया है.


गौरतलब है कि आज से तकरीबन 19 साल पहले 9 नवंबर 2000 को यूपी के दो टुकड़े कर उत्तराखंड बनाया गया था. हालांकि इसके बाद भी यूपी के और टुकड़े करने की मांग समय-समय पर उठती रही.





यूपी में जब बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी और मायावती राज्य की मुख्यमंत्री थीं तो उन्होंने साल 2012 के राज्य विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव पास किया था. 21 नवंबर 2011 को माया सरकार ने विधानसभा में भारी हंगामे के बीच चर्चा के बिना यह प्रस्ताव पास कर दिया था.


यूपी को चार राज्यों बुंदेलखण्ड, पूर्वांचल, अवध प्रदेश और पश्चिम प्रदेश में बांटने का प्रस्ताव था. माया सरकार ने यह प्रस्ताव केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार के पास आगे की कार्यवाही के लिए भेजा था. लेकिन केंद्र सरकार ने यूपी के बंटवारे पर सवाल उठाकर इसपर विराम लगा दिया था.